जानिए बुद्धि क्या है? बुद्धि की परिभाषा, प्रकार, सिद्धांत

बुद्धि क्या है? बुद्धि की परिभाषा, बुद्धि के प्रकार, बुद्धि के सिद्धांत: आज हम आपको बताएंगे कि बुद्धि क्या है? बुद्धि के प्रकार कौन कौन से हैं और बुद्धि के प्रमुख सिद्धांत कौन कौन से हैं। आइए जानते हैं।

बुद्धि क्या है, बुद्धि की परिभाषा, बुद्धि के प्रकार और बुद्धि के सिद्धांत
बुद्धि क्या है, बुद्धि की परिभाषा, बुद्धि के प्रकार और बुद्धि के सिद्धांत

बुद्धि क्या है? तार्किक चिंतन करने की योग्यता बुद्धि है ।जिसकी चिन्तन करने की क्षमता जितनी अधिक रहेगी उसकी बुद्धि उतनी ही तीव्र और कुशाग्र मानी जाती है । उत्तम क्रिया करने तथा नई परिस्थिति के साथ समायोजन करने की योग्यता को बुद्धि कहा जाता है ।

बुद्धि का परिमापन निम्न आधार पर किया जा सकता है

1~बुद्धि की सामान्य योग्यता के आधार पर । 2~बुद्धि दो या तीन योग्यताओं का योग है । 3~बुद्धि समस्त विशिष्ट योग्यताओं का योग ।

बुद्धि की परिभाषाएं

बुद्धि की कुछ परिभाषाएं निम्नलिखित है-

एबिंगहास के अनुसार बुद्धि की परिभाषा

“बुद्धि विभिन्न भागो को मिलाने की शक्ति है “

बर्ट के अनुसार बुद्धि की परिभाषा

“बुद्धि जन्मजात व्यापक मानसिक क्षमता है “

गाल्टन के अनुसार बुद्धि की परिभाषा

“बुद्धि विभेद एवं चयन करने की शक्ति है ।

स्कॉट के अनुसार बुद्धि की परिभाषा

” बुद्धि को अवधान की शक्ति के रूप में माना है

बीने के अनुसार बुद्धि की परिभाषा

” बुद्धि तर्क निर्णय एवं आत्म आलोचन की योग्यता एवं क्षमता है। “

बुद्धि के प्रकार

बुद्धि क्या है? बुद्धि की परिभाषा, बुद्धि के प्रकार, बुद्धि के सिद्धांत:
थार्नडाइक के अनुसार बुद्धि के प्रकार

थार्नडाइक के अनुसार बुद्धि के प्रकार

थार्नडाइक ने बुद्धि के तीन प्रकार बताये है

1 मूर्त बुद्धि(concrete intelligence )
2 अमूर्त बुद्धि (abstract inteligence )
3 सामाजिक बुद्धि (social intelligence )


मूर्त बुद्धि(concrete intelligence )

मूर्त बुद्धि को यांत्रिक बुद्धि कहते है। इसका तात्पर्य ऐसी मानसिक योग्यता से है जिसके सहारे व्यक्ति ठोस वस्तुओ का महत्त्व समझते है। मूर्त बुद्धि में व्यक्ति में लोग किसी भी चीज के बारे में प्रत्यक्ष रूप से कार्य करते है।
जैसे इंजीनियर ,आदि।

अमूर्त बुद्धि (abstract intelligence )

इसमें व्यक्ति गहन चिंतन व तर्क में ध्यान देते है चीजों का प्रत्यक्ष रूप से अध्ययन करते है। ऐसी बुद्धि जो ज्ञानेद्रियों द्वारा मस्तिष्क में पहुँचती है।
जैसे -कवि लेखक आदि।

समाजिक बुद्धि (social intelligence )

सामाजिक बुद्धि में लोग दूसरो के व्यवहार एवं उनकी मानसिक योग्यताओ को समझने की कोशिश करते है। ऐसे लोग बहुत ही सामाजिक होते है।
जैसे नेता ,सामाजिक कार्यकर्ता आदि

वर्नन के अनुसार बुद्धि के प्रकार


1 जैविक बुद्धि

जीवन की नयी परिस्थिति में जैविक रूप से अनुकूलन करने की योग्यता है।


2 मनोवैज्ञानिक बुद्धि

यह बुद्धि जन्मजात ज्ञानात्मक योग्यता है।


3 संक्रियात्मक बुद्धि

परीक्षणों द्वारा मापी जा सकने वाली बुद्धि होती है।


फ्रीमैन के अनुसार बुद्धि के प्रकार

फ्रीमैन ने बुद्धि के चार प्रकार बताये है।


1 सीखने की योग्यता

बुद्धि द्वारा व्यक्ति नवीन ज्ञान प्राप्त करता है।


2 समायोजन की योग्यता –

बुद्धि द्वारा व्यक्ति वातारण के प्रति समायोजन करता है।


3 अमूर्त चिन्तन की योग्यता

बुद्धि द्वारा व्यक्ति तर्क -वितर्क वक्त चिंतन करता है।
4 शक्ति पुंज की सामान्य योग्यता -मानसिक शक्तियों को संगठित करके वातावरण का सामना करता है।

बुद्धि के सिद्धांत

बुद्धि के निम्नलिखित सिद्धांत है


एककारक सिद्धांत

इस एक सिद्धांत में माना गया है की बुद्धि एक तत्व के रूप में होती है ।अल्फ्रेड बीने ने दिया था ।

द्विकारक सिद्धांत

इस सिद्धांत को स्पीरमैन ने दिया था ।इस सिद्धांत में माना गया है की बुद्धि दो तत्वों के रूप में होती है । इस सिद्धांत में दो कारक है ~
1 G (general ) कारक (factor
2 S(special ) कारक(factor )

G कारक का मतलब होती है जनरल अर्थात सामान्य कारक जो व्यक्ति को जन्म से ही प्राप्त होते है

S कारक का मतलब होता है विशेष कारक जो व्यक्ति खुद अर्जित करता है ।

बहुकारक सिद्धांत

इस सिद्धांत को थारंडाईक ने दिया था।इस सिद्धांत में माना गया है की बुद्धि के कई तत्व है बुद्धि एक तत्व से मिलकर नही बनी है ।

इस सिद्धांत के तीन प्रतिमान है ~
स्तर

इस सिद्धांत का तात्पर्य है किसी विशेष कठिनाई स्टार स्तर का कितना कार्य किसी व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है।


परास या सीमा

इसका अर्थ है की कार्य की उस विविधता से जो किसी स्तर पर कोई व्यक्ति समस्या का समाधान कर सकता है।


क्षेत्र इसका अर्थ है की क्रियाओ की उन कुल संख्याओं से है ,जिनका हम समाधान कर सकते है।


गति इसका अर्थ कार्य करने की गति से है

त्रिआयामी घन का सिद्धांत

इस सिद्धांत को गिलफोर्ड ने दिया था ।इस सिद्धांत के अनुसार बुद्धि एक घन के रूप में होती है इस सिद्धांत के तीन अवयव है
1~सक्रिया
2~विषयवस्तु
3~उत्पाद

समूहत्तत्व सिद्धांत

इस सिद्धांत को थारस्टन ने दिया था ।इस सिद्धांत में 13 प्रकार के गुण बताए गए है ।7 प्राथमिक एवं 6 मानसिक योग्यता वाले गुण है ।

  • शाब्दिक (verbal )
  • शब्द प्रवाह (wrd fluency )
  • सांख्यिक (number )
  • स्थानिक (space )
  • स्मृति (memory )
  • तार्किक( reasoming )
  • प्रत्यक्षीकरण (perceptial )

6 बालू का सिद्धांत ,रेत के टीले का सिद्धांत ,परमाणु सिद्धांत ,बहुकारक सिद्धांत इस सिद्धांत को थार्नडाइक ने दिया था जिस प्रकार बालू में उपस्थित कणों को गिना नही जा सकता है उसी प्रकार बुद्धि में उपस्थित कणों को गिना नही जा सकता है।

बहुबुद्धी का सिद्धांत

इस सिद्धांत को1883 में हावर्ड गार्डनर ने दिया था।
इस सिद्धांत के अनुसार बुद्धि एक कारकीय न होकर बहुकारकीय होती है ।अतः बुद्धि में कई तत्व होते है जो आपस में अंतः क्रिया करते है प्रत्येक व्यक्ति में विलक्षण योग्यता होती है।


गार्डनर ने आठ प्रकार की बुद्धि का वर्णन किया है।


1भाषाई शाब्दिक -लेखक कवी
2 तार्किक – गणितज्ञ ,वैज्ञानिक
3 गत्यात्मक -खिलाडी ,नृत्यक
4 अंतर वैयक्तिक -मनोवैज्ञानिक ,नेता
5 अंतरा वैयक्तिक -योगी पुरुष
6 संगीतज्ञ -लता मंगेशकर
7 प्रकृतिवादी -किसान जीवविज्ञान
8 अस्तित्ववादी -दार्शनिक
9 स्थानिक -मूर्तिकार ,राजमंत्री

8 संज्ञानात्मक बुद्धि – जीन पियाजे
9 त्रितंत्र सिद्धांत -राबर्ट स्टेनबर्ग

तो दोस्तों हमने आज सीखा कि बुद्धि क्या है, बुद्धि की परिभाषा, बुद्धि के प्रकार और बुद्धि के सिद्धांत कौन से हैं।

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