इस आर्टिकल में हम पाठ योजना का अर्थ, पाठ योजना की परिभाषा, पाठ योजना का महत्व एवं पाठ योजना के चरण बताएंगे। एक अध्यापक को पाठ योजना का ज्ञान होना बहुत ही ज़रूरी है। बेहतर शिक्षा के लिए पाठ योजना का प्रयोग किया जाता है।
पाठ योजना जो कि अंग्रेजी शब्द Lesson Plan का हिंदी अर्थ है। इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।
पहले ये जान लीजिए कि एक प्रशिक्षु, छात्राध्यापक या भावी अध्यापक को पाठ योजना की जानकारी होनी क्यों चाहिए? इसलिए होनी चाहिए क्योंकि इसके प्रयोग से शिक्षण कार्य एक योजनाबद्ध ढंग से होता है। और हमे पता होता है कि हम छात्रों को क्या, कब और कैसे पढ़ाएंगे।
पाठ योजना का अर्थ, पाठ योजना क्या होती है?
किसी विषय को पढ़ाने हेतु, उस विषय से सम्बंधित विषय वस्तु की रूपरेखा तैयार करना, पाठ योजना कहलाता है। यह शिक्षण से पूर्व की गई तैैयारी में आता है।
पाठ योजना से सम्बंधित कुछ परिभाषाएं
बिनिंग और बिनिंग के अनुसार पाठ योजना की परिभाषा
दैनिक पाठ योजना में उद्देश्यों को परिभाषित करना, पाठ्य वस्तु का चयन करना एवं उसको क्रमबद्ध रूप से व्यवस्थित करना तथा विधियों एवं प्रक्रिया का निर्धारण करना सम्मिलित है
गुड्स के अनुसार पाठ योजना की परिभाषा
पाठ योजना किसी पाठ की महत्वपूर्ण बातों का खाका या बाहरी रूपरेखा को क्रमवार करना, जिस क्रम में उसे प्रस्तुत किया जाना है। इसमें पाठ के उद्देश्य, शिक्षा सामग्री का प्रयोग, विद्यार्थियों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्न, पाठ की पुनरावृति तथा घर का काम अर्थात गृहकार्य देना आदि आते हैं।
एन•एल• बॉसिंग के अनुसार पाठ योजना की परिभाषा
पाठ योजना और उद्देश्य के कथनों और विशिष्ट माध्यमों को प्रदान किया गया एक शीर्षक है जिनके द्वारा प्रक्रियाओं के परिणाम स्वरूप उन्हें प्राप्त किया जाता है।
पाठ योजना का महत्व
- इससे उद्देश्यों की स्पष्टता प्रकट होती है ।
- इससे शिक्षक में आत्मविश्वास पैदा होता है।
- इसे शिक्षण क्रियाओं के चुनाव में आसानी होती है।
- इस समय का उचित उपयोग होता है।
- इसे कठिन विषय वस्तु को सरल बनाया जा सकता है।
- इसे शिक्षण सहायक सामग्री का चुनाव आसान हो जाता है एवं उनका प्रभावशाली ढंग से उपयोग किया जा सकता है।
- इसे बच्चों में विचार, तर्क, निर्णय एवं कल्पना शक्ति का विकास होता है।
पाठ योजना के चरण/सोपान
पाठ योजना के चरण या सोपान निम्नलिखित हैं:
1-तैयारी करना
- पाठ से संबंधित उपलब्ध पाठ्य सामग्री का शिक्षण के लिए योजना बनाना।
- शिक्षण विधियां, सहायक सामग्री और क्रियाकलापों का निर्धारण करना।
2- प्रस्तुतीकरण
पाठ शिक्षण उद्देश्यों का निर्धारण करना चाहे उद्देश्य सामान्य हो या विशेष।
3- चाक बोर्ड कार्य
चाक बोर्ड का प्रयोग करना।
4- पुनरावृत्ति
- पाठ समाप्ति के पश्चात बच्चों से प्रश्न पूछना।
- इस चरण में शिक्षण की प्रभावशीलता का पता चलता है।
5- गृह कार्य
पाठ से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रश्नों को देना ताकि बच्चों का बौद्धिक एवं मानसिक विकास हो सके।
पाठ योजना का अर्थ परिभाषा, महत्त्व एवं चरण
तो दोस्तों ये थे पाठ योजना के चरण और पाठ योजना का अर्थ एवं पाठ योजना की परिभाषा। साथ ही यहां पर पाठ योजना के महत्व को भी बता दिया गया है उम्मीद है आप सभी को आर्टिकल पसंद आया होगा। हमारी बाल विकास की कैटेगरी में जाकर आप बाल विकास से जुड़े सारे टॉपिक्स फ्री में पढ़ सकते हैं। अपने दोस्तों से भी शेयर करिए, धन्यवाद।