गार्डनर का बहुबुद्धि सिद्धांत क्या है – सभी मनोवैज्ञानिकों ने बहुबुध्दि को अपने अपने स्तर से कई प्रकार का बताया लेकिन हावर्ड यूनिवर्सिटी में ग्रजुएटेड हॉवर्ड गार्डनर ने बुद्धि अपनी पुस्तक फ्रेम्स ऑफ़ द थ्योरी ऑफ़ मल्टीप्ल इंटेलिजेंस कई तत्वों का प्रतिपादन किया उनका मानना था की बुद्धि एक या दो तत्वों से मिलकर नहीं बनती बल्कि कई विभिन्न प्रकार के तत्व इसमें समाहित होते है।
अतः उन्होंने कई तत्वों को मिलाकर बुद्धि का एक सिद्धांत प्रतिपादित किया जिसे गार्डनर का बहुबुद्धि सिद्धांत के नाम से जानते है। इनके सिद्धांत में इन्होने बताया की बुद्धि की प्रकृति एक प्रकाशीय न होकर बहुप्रकाशीय होती है।
गार्डनर के बहुबुद्धि सिद्धांत के अनुसार सब लोगो के पास कम से कम सात भिन्न भिन्न प्रकार की बुद्धियां होती है।जो प्रत्येक व्यक्ति के बुद्धि पार्श्व चित्र के आधार पर अलग अलग मात्रा में कार्य करती हैं।
गार्डनर द्वारा निर्धारित सात बुद्धियां है
- भाषाई बुद्धि
- तार्किक गणतीय बुद्धि
- स्थानिक बुद्धि
- संगीतिक बुद्धि
- शारीरिक गतिसंवेदी बुद्धि
- अन्तः वैयक्तिक बुद्धि
- अंतर्वैयक्तिक बुद्धि
भाषाई बुद्धि
अभिव्यक्ति और संप्रेषण करने के योग्य जो बुद्धि होती है अर्थात जो अंतर्मुखी प्रवृत्ति के लोग होते है और जिनमे अपने तरीके से भाषाओं को अभिव्यक्त करने की क्षमता होती है उन्ही में भाषाई बुद्धि होती है जैसे( कवि और लेखक )
तार्किक-गणतीय बुद्धि
किसी व्यक्ति द्वारा तर्क संगत तरीके से सोचने संख्याओं का प्रभावी ढंग से प्रयोग करने समस्याओं को वैज्ञानिक तरीके से हल करने संकल्पनाओं और वस्तुओ के मध्य संबंध स्थापित करने या देख पाने की क्षमता ही तार्किक गणतीय बुद्धि होती है
जैसे- गणितज्ञ और वैज्ञानिक
स्थानिक बुद्धि
किसी वस्तु को देखकर चिंतन करना किसी वस्तु को या धारणाओं को आलेखिय रूप से निरूपित करने की योग्यता होती है
जैसे कलाकार ,सज्जाकार ,वास्तुविद,सर्वेक्षक ,आविष्कारक ,मार्गदर्शक
सांगीतिक बुद्धि
इसमें संगीत को किसी न किसी माध्यम से व्यक्त करने की क्षमता आती है सांगीतिक बुद्धि वाले लोग लय,धुन,और तारत्व के प्रति संवेदनशील होते है इस प्रकार लोग बहुत ही सरल स्वभाव के तथा हर चीज में संगीत एवं अपनी रचनाओं को समाहित करते है।
जैसे( गायक, संगीतज्ञ, रचनाकार)
शारीरिक गतिसंवेदी बुद्धि
व्यक्ति को अपने शरीर को अभिव्यक्त के एक साधन के रूप में कैशलपूर्ण तरीके से उपयोग करने की क्षमता अथवा वस्तुओं के निर्माण या संचालन के लिए कौशलपूर्ण कार्य करने की क्षमता शारीरिक गतिसंवेदी बुद्धि होती है।
जैसे नर्तक ,अभिनेता,खिलाड़ी,मूर्तिकार
अंतर्वैयक्तिक बुद्धि
अन्य व्यक्तियों के लिए उपयुक्त एवं प्रभावी ढंग दूसरो के सामने पेश आने या प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने उनकी भावनाओं को समझने की क्षमता अंतर्वैयक्तिक बुद्धि होती है।
जैसे बिक्रीकर्ता ,सामाजिक निदेशक,यात्रा-एजेंड
अन्तः वैयक्तिक बुद्धि
स्वयं को सही सही जानने की क्षमता एवं स्वयं की निजी शक्तियां एवं निजी अभिप्रेरणाये शामिल होती है। जैसे -उद्योगपति ,व्यापारी आदि।
गार्डनर के बहुबुद्धि सिद्धांत की विशेषताएं
- इस सिध्दांत में व्यक्ति की कई प्रकार की बुध्दियो को जानने में सहायता मिलती है।
- विभिन्न क्षेत्रो में बुद्धि के प्रकारो का पता चलता है।
- व्यक्तियों की बुद्धि के अनुसार उनको कालेज अलग क्षेत्र में विभाजित किया जा सकता है।
- गार्डनर के बहुबुद्धि सिद्धांत में बुद्धि का विस्तारित रूप का पता चलता है।
तो दोस्तों ये था गार्डनर का बहुबुद्धि सिद्धांत। हमने आपको गार्डनर का बहु बुद्धि सिद्धांत बताया साथ ही साथ इसकी 7 बुद्धियां बताया। और आपको गार्डनर के बहु बुद्धि सिद्धांत की विशेषताएं भी बताई। उम्मीद है आपको ये अच्छा लगा होगा।