दोस्तों आज हम आपको बताएंगे कि वैयक्तिक विभिन्नता क्या है? वैयक्तिक विभिन्नता के प्रकार और कारण साथ ही इसकी विशेषताएं भी बताएंगे।
वैयक्तिक विभिन्नता क्या है? प्रकार, कारण और विशेषताएं
चलिए सर्वप्रथम ये जानते हैं कि वैयक्तिक विभिन्नता क्या है?
वैयक्तिक विभिन्नता क्या है?
किसी भी व्यक्ति को उसकी आयु एवं उसकी बुद्धि के अनुसार ही शिक्षा दी जानी चाहिए। सर्वप्रथम वैयक्तिक विभिन्नताओं के बारे में सर फ्रांसिस गल्टन ने अपनी पुस्तक हेरिडेट्री जिनियस (जो 1869 में प्रकाशित हुई ) में बात की बात इन्हे फादर ऑफ़ यूजेनिक्स कहा जाता है । वैयक्तिक विभिन्नता से तात्पर्य व्यक्ति रंग रूप रुचि आदि में एक दूसरे व्यक्ति से भिन्न हो।
वैयक्तिक विभिन्नताओं की परिभाषा प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिकों के अनुसार
स्किनर के अनुसार
“व्यक्तिगत भिन्नता में संपूर्ण व्यक्ति का कोई भी ऐसा पहलू सम्मिलित हों सकता है जिसका माप किया जा सकता है”
स्किनर
टायलर के अनुसार
“एक व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति से अंतर एक सार्वभौमिक घटना जन प्रति है ।”
मार्स एवं बिंगो के अनुसार
“व्यक्तिगत भिन्नताएं वास्तव में सीखने के लिए तत्परता की विभिन्नता है।
वैयक्तिक विभिन्नता के प्रकार
व्यक्तित्व विभिन्नता कई प्रकार की होती है ।
- जैविक विभिन्नता
- मानसिक विभिन्नता
- सावेंगिक विभिन्नता
- सांस्कृतिक विभिन्नता
- गत्यात्मक योग्यताओं में भिन्नता
- व्यक्तित्व में भिन्नता
व्यक्तिगत भिन्नता किस तरह से होती है? -1– वंशानुगत 2- अर्जित
वैयक्तिक भिन्नता की विशेषताएं
- वैयक्तिक भिन्नता मानव के विविध प्रकार के विकास का आधार होती है।
- कोई भी व्यक्ति आपस में हर तरह से समान नहीं हो सकता है।
- वैयक्तिक भिन्नता में मानव के केवल भौतिक लक्षणों को ही समाहित किया जाता है।
व्यक्तिगत भिन्नता के कारण
- वातावरण
- जाति,प्रजाति
- बुद्धि एवं आयु
- शिक्षा एवं आर्थिक दशा
- लिंगभेद
फाइनल वर्ड
तो दोस्तों आज आपने वैयक्तिक विभिन्नता के बारे में सरल तरीके से संपूर्ण जानकारी प्राप्त की। इसमें आपने वैयक्तिक विभिन्नता क्या है इसके बारे में जाना। वैयक्तिक भिन्नता के प्रकार, कारण और विशेषताओं को जाना। बाल मनोविज्ञान के अन्य महत्वपूर्ण टॉपिक को पढ़ने के लिए आप हमारी बाल मनोविज्ञान कैटेगरी पर जा सकते हैं।