हम आपको ‘वर्षा ऋतु पर निबंध’ (Rainy Season Essay in Hindi) बताने जा रहे हैं। यह निबंध आप विद्यालय या फिर किसी भी जगह प्रयोग कर सकते हैं।
हम आपको Short Essay on Rainy Season in Hindi और साथ में Long Essay on Rainy Season in Hindi बताएंगे।
वर्षा ऋतु पर निबंध: Short Essay on Rainy Season in Hindi
हमारे देश भारत में आषाढ़, श्रावण और भादो के मास में वर्षा ऋतु होती है। देश में वर्षा ऋतु के आना खुशहाली के आने जैसा होता है। किसानों के लिए वर्षा ऋतु वरदान जैसी है।
वर्षा ऋतु के आने पर प्रकृति और चमकती हुई दिखाई देने लगती है। पशु पक्षियां पेड़ पौधे सब मिलकर खुशी से झूम उठते हैं।
वर्षा ऋतु आने पर जिन राज्यों में जल की कमी होती है वह भी पूरी हो जाती है। नदियां, तालाब आदि जलमग्न हो जाते हैं और यह जल उपयोग में लाया जाता है।
वर्षा ऋतु पर निबंध विस्तार से : Long Essay on Rainy Season in Hindi
प्रस्तावना
वर्षा ऋतु देश के लिए प्रसन्नता का संदेश लेकर आती है। वर्षा ऋतु का हमारे देश मे बहुत ही ज़्यादा महत्व है। जल के बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है। वर्षा ऋतु हमारे जीवन को बनाये रखने में सहायक होती है।
वर्षा ऋतु कब होती है?
वर्षा ऋतु आषाढ़, श्रावण और भाद्रपद में होती हैं। अंग्रेजी महीने के हिसाब से जून के अंत से लेकर सितंबर के अंत तक वर्षा ऋतु होती है।
भारत में वर्षा कैसे होती है? वर्षा ऋतु के होने का कारण
जब भारत में भीषण गर्मी पड़ती है तो उत्तर भारत में निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है। इसी बीच मानसूनी हवाएं दक्षिण की ओर से चलना शुरू कर देती हैं। क्योंकि मानसूनी हवाएं दक्षिण की ओर से आती हैं अतः दक्षिण में वर्षा ऋतु की अवधि अधिक होती है। जबकि उत्तर में आते आते इसका समय कम हो जाता है और इन्ही से मानसूनी हवाओं से वर्षा होती है।
खुशहाल जीव-जंतु और हरी भरी प्रकृति
वर्षा ऋतु के कारण बहुत से सूखे मुरझाए हुए पेड़ वापस हरे-भरे हो जाते हैं। दुबारा हरे हुए पेड़ ऐसे लगते हैं मानो किसी ने उनमें जान फूंक दी हो।
जो पशु पक्षी भीषण गर्मी के कारण बिल में छिप जाते हैं या कहीं गायब हो जाते हैं। वर्षा ऋतु आने पर वो सभी खुशी से चहकने लगते हैं। मेढकों की टर्र टर्र की आवाज़ें सुनाई पड़ने लगती हैं। जंगल में मोर नाचने लगते हैं।
जल संकट से राहत
जब वर्षा ऋतु आती है तो उन राज्यों के लोगों को सुकून मिलता है जहां जल संकट बना रहता है। वर्षा ऋतु में वर्षा होने पर जल को अलग-अलग विधियों से संचित कर लिया जाता है और फिर बाकी के महीनों उन्हें प्रयोग में लाया जाता है। बहुत से लोग ढालू छतें इसी कारण से बनवाते हैं। और बहुत से लोग खुले मैदान में जल संचित करने की व्यवस्था किये रहते हैं।
अनचाही बीमारियों का आना
वर्षा ऋतु में कीचड़ आदि भी होता है और कुछ जगहों पर जल जमा हो जाता है। वर्षा के इस जमा जल से कुछ बीमारियां भी दस्तक दे देती हैं। अतः इनसे बचना भी चाहिए। बहुत से लोग वर्षा ऋतु में बरसात के पानी से नहाते हैं जिससे वह पानी उनको अगर नुकसान कर गया तो उनके शरीर में दाने आदि भी निकल आते हैं।
उपसंहार
वर्षा ऋतु का आना देश हित में है। इस ऋतु का इंतज़ार लोग पूरे वर्ष करते हैं। वर्षा जब नही होती तो अकाल और सूखा पड़ जाता है। अतः पेड़-पौधे अधिक से अधिक लगाएं और प्रकृति के साथ खिलवाड़ कतई न करें।