आज के इस आर्टिकल में बात करेंगे पंचायती व्यवस्था (स्थानीय स्वशासन) – Panchayti Vyavastha/Sthaniy Swashasan की। इसमें बताएंगे ग्रामीण स्तर पर किस प्रकार की पंचायत बनती है व शहरी स्तर पर किस प्रकार की।
पहली पंचायती व्यवस्था (panchayti vyavastha) के बारे में कुछ तथ्य पर बात करेंगे फिर बताएंगे ग्रामीण व शहरी स्तर पर यह व्यवस्था होती कैसी है।
पंचायती व्यवस्था (स्थानीय स्वशासन) / Panchayti Vyavastha (Sthaniy Swashasan)
पंचायती राज व्यवस्था का प्रारंभ 20 अक्टूबर 1959 से राजस्थान के नागौर जिले से जवाहर लाल नेहरू द्वारा हुआ।
नीचे दी हुई तालिका से आप काफी कुछ जान सकते हैं। –
पंचायती व्यवस्था (स्थानीय स्वशासन) / Panchayti vyavstha (Sthaniy Swashasan) के बारे में
पंचायती व्यवस्था का प्रारम्भ | 20 अक्टूबर 1959 से |
पहला राज्य शुरू करने वाला | राजस्थान (नागौर जिला) |
दूसरा राज्य | आंध्रप्रदेश |
जनक | लॉर्ड रिपन |
पद उम्र | 21 साल |
आरक्षण (महिला) | 1/3 |
कहाँ वर्णित है | संविधान के भाग 9 में |
पंचायत व्यवस्था या स्थानीय स्वशासन को दो स्तरों में बांटा जा सकता है।
1- ग्रामीण स्तर पर पंचायती व्यवस्था
ग्रामीण स्तर पर पंचायत व्यवस्था (Gramin Star par panchayat vyavstha) को तीन भागों में बांटा गया है।
- ग्राम पंचायत
- क्षेत्र पंचायत
- जिला पंचायत
1- ग्राम पंचायत (Gram Panchayat)
अध्यक्ष- प्रधान, सदस्य- ग्राम पंचायत के सदस्य
2- क्षेत्र पंचायत (Kshetr Panchayat)
अध्यक्ष- ब्लॉक प्रमुख, सदस्य- BDC
3- जिला पंचायत (Jila Panchayat)
अध्यक्ष- जिला पंचायत अध्यक्ष, सदस्य- DDC
2- शहरी स्तर पर पंचायत व्यवस्था
इसे भी तीन भागों में बांटा गया है।
- नगर पंचायत
- नगर पालिका
- नगर निगम
1- नगर पंचायत
अध्यक्ष- चेयरमैन, सदस्य- सभासद
2- नगर पालिका
अध्यक्ष- चेयरमैन, सदस्य- सभासद
3- नगर निगम
अध्यक्ष- महापौर/मेयर, सदस्य- पार्षद
पंचायत व्यवस्था या स्थानीय स्वशासन से जुड़े प्रश्नोत्तर
प्रश्न- त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था का सुझाव किसने दिया?
उत्तर- बलवंत राय मेहता समिति ने।
प्रश्न- पंचायती व्यवस्था का जनक कौन है?
उत्तर- लार्ड रिपन
प्रश्न- नगर निगम का अध्यक्ष क्या कहलाता है?
उत्तर- महापौर या मेयर
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