ध्वनि और प्रकाश में अंतर– ध्वनि और प्रकाश में अंतर ( Difference Between Sounds and Light) आज हम आपको विस्तार से बताएंगे। तो आइए जानते हैं ध्वनि और प्रकाश क्या हैं?
ध्वनि क्या है, ध्वनि के गुण, ध्वनि तरंगों के प्रकार, ध्वनि के लक्षण
“ध्वनि एक प्रकार की ऊर्जा है जो हमारे कानों के पर्दे उद्दीप्त करके हमारी वाणी को सुनने में सहायता करती है।”ध्वनि तरंगे अनुदैर्ध तरंगे होती है।
ध्वनि के गुण( Qualities of Sounds)
- किसी वस्तु का ताप बढ़ाने पर उसका ध्वनि में वेग भी बढ़ जाता है।
- यदि ताप 1डिग्री बढ़ाया जाए तो ध्वनि का वेग भी 0.61 /से बढ़ जाता है।
- वस्तुओ में ध्वनि कंपन के कारण उत्पन्न होती है।
विभिन्न वाद्ययंत्रों में ध्वनि की चाल चार विधियों से होती है-
- आघात से
- तारों के खींच कर छोड़ देने से
- रगड़ देने से
- फूंक मारने से
ध्वनि तरंगों के प्रकार (Types of Sound Waves)
अवश्रव्य तरंग (infrasonic waves )
ऐसी ध्वनि जिसकी आवृत्ति 20 hz से कम होती है।उसे अवश्रव्य ध्वनि कहते है।इन्हे हम सुन नहीं सकते है।
श्रव्य ध्वनि (audible waves)
ऐसी ध्वनि जिसकी आवृत्ति 20hz से 20,000hz तक होती है ,श्रव्य ध्वनि कहते है इन ध्वनियों को हम सुन नहीं सकते है।
पराश्रव्य ध्वनि (ultrasonics waves)
ऐसी ध्वनि जिसकी आवृत्ति 20,000hz से अधिक होती है उसे पराश्रव्य ध्वनि कहते है।इन्हे हम सुन नहीं सकते है परंतु कुछ जानवर जैसे (कुत्ता,बिल्ली ,चमगादड़ ) आदि सुन सकते हैं।
पराश्रव्य तरंगों के उपयोग
- चमगादड़ रात्रि के समय अपने रास्ते को देखने के लिए पराश्रव्य ध्वनियों का उपयोग करता है।
- समुद्र की गहराई नापने वाला यंत्र तथा समुद्र में डूबी वस्तु का पता लगाने वाला यंत्र सोनार में इसका उपयोग होता है।
पदार्थ की तीनों भौतिक अवस्थाओं में ध्वनि की वेग
ठोस में ध्वनि का वेग सबसे अधिक 5100 मीटर/ सेकेंड होती है।
द्रव में ध्वनि का वेग 1451 मीटर / सेकेंड होता है।
गैस में ध्वनि का वेग 332 मीटर /सेकेंड होता है।
ध्वनि के लक्षण (symptoms of sound)
ध्वनि के तीन लक्षण है-
तीव्रता (intensity)
ध्वनि का यह लक्षण उसके आयाम पर निर्भर करता है ,जिसके कारण ध्वनि हमे तीव्र अथवा मंद सुनाई देती है।
इसका मात्रक डेसिबल होता है।
सामान्यतः 80 डेसिबल तक की ध्वनि हमारे कानों के लिए सुयोग्य मानी जाती है।
तारत्व ( pitch)
ध्वनि का यह लक्षण उसकी आवृत्ति पर निर्भर करता है इसके कारण ध्वनि हमे मोटी अथवा महीन सुनाई देती है।
गुणता
ध्वनि का यह लक्षण उसकी आयाम तथा आवृत्ति पर निर्भर करता है।इसके कारण ही हम ध्वनि को पहचान सकते है।
ध्वनि का व्यतिकरण
जब दो या दो से अधिक तरंगे एक साथ संचारित होती है है तो उनके अरोपण से कही कही पर ध्वनि की तीव्रता अधिक व कही कही पर काम हो जाती है जिस कारण कही कही पर ध्वनि अधिक सुनाई देती है कही कही पर कम यह घटना ध्वनि का व्यतिकरण कहलाती है।
इससे बचने के लिए सिनेमाहाल की दीवारों पर पर्दा लगा दिया जाता है या उन्हे खुरदुरा बना दिया जाता है।
ध्वनि का परावर्तन
जब ध्वनि तरंग किसी माध्यम से टकराकर वापस लौटती है तो ध्वनि की प्रतिध्वनि सुनाई देती है यह घटना ध्वनि का परावर्तन कहलाती है।
प्रकाश ( light), प्रकाश के गुण, प्रकाश तरंगों के प्रकार, प्रकाश संबंधी घटनाएं
“प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा है जो हमारी आंखों को उद्दीप्त करके वस्तुओ को देखने में सहायता करती है।”
प्रकाश के गुण( qualties)
- प्रकाश सीधी रेखा में चलता है।
- प्रकाश निर्वात में भी चल सकता है।
- वायु में प्रकाश की चाल 3.8 ×10। मीटर /सेकेंड होता है।
- प्रकाश को चलने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है।
प्रकाश तरंगों के प्रकार (types of light waves)
दृश्य तरंग( view light )
इस प्रकार की तरंगों द्वारा हम वस्तुओ को देख सकते है ये सात प्रकार के होते है।
बैगनी , नीला आसमानी, हरा ,पीला नारंगी, लाल(बै नी आ ह पी ना ला)
अवरक्त प्रकाश(infrarad light)
इस प्रकार के प्रकाश द्वारा हमे गर्मी प्राप्त होती है।
परा बैगनीं (utravoilet light)
इस प्रकार का प्रकाश हमे दिखाई नहीं देता है तथा यह प्रथ्वी पर पहुंच नही पता क्योंकि इसे ओजोन परत रोक लेती है क्योंकि यह हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है।
प्रकाश से संबंधित कुछ घटनाएं
प्रकाश का अपवर्तन (refraction of light)
जब प्रकाश किरणे एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है तो अपने मार्ग से विचलित हो जाती है इसे प्रकाश का अपवर्तन कहती हैं।
पूर्ण आंतरिक परावर्तन (reflection of light)
जब प्रकाश किरणे सघन से बिरल माध्यम में प्रवेश करती है तो अभिलंब से दूर हटती हैं।और प्रकाश की किरण अपने मार्ग में वापस लौट अति तो इसे आंतरिक परावर्तन कहते हैं।
हीरे में चमक पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण ही होती है।
प्रकाश का प्रकीर्णन (scattiring of light)
जब सूर्य की किरणे प्रथ्वी पर आती है तो वायुमंडल में उपस्थित गैस के अणुओं से टकराकर बिखर जाती है यह घटना प्रकाश का प्रकीर्णन कहलाती है।
जिस रंग का तरंगदैर्घ्य सर्वाधिक होता है उसका प्रकीर्णन सबसे कम होता है।और जिसका तरंगदैर्घ्य काम होता है उसका प्रकीर्णन अधिक होता है।
” सबसे अधिक तरंगदैर्घ्य लाल रंग की होती है।”
“सबसे कम तरंगदैर्घ्य बैगनी रंग की होती है।”
प्रकाश का विक्षेपण (definiation of light)
प्रकाश का किसी प्रिज्म या अन्य किसी माध्यम से होकर गुजरने पर प्रकाश का विभिन्न रंगों में बंट जाना प्रकाश का विक्षेपन कहलाता है।
प्रकाश का ध्रुवण( pole of light)
प्रकाश तरंग द्वारा प्रकाश संचरण की दिशा के लंबवत चारो ओर सममिति की कमी को प्रदर्शित करना ध्रुवण कहलाता है।
ध्वनि और प्रकाश में अंतर (deference between light and sound )
ध्वनि | प्रकाश |
ध्वनि एक अनुदैर्ध्य तरंग है। | प्रकाश अनुप्रस्थ तरंग होती है। |
ध्वनि यांत्रिक तरंगे होती हैं। | प्रकाश विद्युत चुम्बकीय तरंगे होती हैं। |
इनके संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। | इनके संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है। |
इसकी चाल प्रकाश की तुलना में बहुत कम होती है। | इसकी चाल बहुत अधिक होती है। |
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