भाषा अधिगम और भाषा अर्जन (Language Learning and Language Acquisition) CTET की language 1 और language 2 की pedagogy शिक्षाशास्त्र में काफी पूछी जाती है। इसका ज्ञान हर उस व्यक्ति को होना चाहिए जो ऐसी परीक्षाएं देने वाला हो। आइये जानते हैं क्या होता है भाषा अधिगम और अर्जन।
भाषा अधिगम और भाषा अर्जन | Language Learning and Language Acquisition
आइये पहले जानते हैं भाषा अर्जन क्या है means What is Language Acquisition in Hindi ?
भाषा अर्जन (Language Acquisition)
भाषा अर्जन तब होगा जब हम कोई भाषा sub consciously सीखेंगे, जिसका कोई systematical approach नही होगा अर्थात जिस भाषा को हम किसी अन्य से नही सीखने जाते जो हमे खुद ही आसपास के वातावरण से आ जाती है। अपने माता पिता और आसपास के लोगों द्वारा हम जिस भाषा को अर्जित/अधिग्रहण (acquire) कर लेते हैं वही भाषा अर्जन (language acquisition) है। जो भाषा अर्जन द्वारा हमे आ जाती है वो प्रायः हमारी मातृ भाषा या क्षेत्रीय भाषा होती है। इसे Language 1 कहते हैं।
भाषा अधिगम | Language Learning
जो भाषा हम consciously सीखते हैं, फोकस के साथ सीखते हैं। और प्रायः ऐसी भाषा सीखने के लिए हम दूसरे का सहारा लेते हैं। दूसरे के पास जाते हैं। ऐसी भाषा सीखने का एक systematical Approach होता है। इसकी ग्रामर होती है, इसके रूल सीखते हैं हम। जबकि भाषा अर्जन में ऐसा नही था। तो यही भाषा अधिगम या भाषा सीखना हुआ। इसमें प्रायः अंग्रेजी आती है और मातृभाषा के अलावा अन्य सब भाषाएं आती हैं।
Final words-
उम्मीद है दोस्तों आपको भाषा अर्जन एवं अधिगम या भाषा अधिगम और भाषा अर्जन समझ मे आ गया होगा। अगर आपको ये अच्छे ढंग से आ गया हो तो नोट्स बना लीजिए और अपने मित्रों से भी शेयर कर दीजिए।
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