अनुप्रास अलंकार की परिभाषा,भेद और उदाहरण सहित

अनुप्रास अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण सहित, अनुप्रास अलंकार की परिभाषा, अनुप्रास अलंकार के प्रकार, अनुप्रास अलंकार का उदाहरण
अनुप्रास अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण सहित

अनुप्रास अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण: जब भी अलंकार की बात की जाती है उसमें सबसे पहले अनुप्रास अलंकार का नाम लिया जाता है। आज हम आपको अनुप्रास अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित बताएंगे। साथ ही साथ अनुप्रास अलंकार के भेद बताएंगे। क्योंकि परिभाषा मात्र जान लेना ही पर्याप्त नहीं है इसलिए अनुप्रास अलंकार के प्रकार भी आवश्यक हैं।

हम आपको अनुप्रास अलंकार के उदाहरण भी बताएंगे। क्योंकि परिभाषा के साथ साथ उदाहरण भी जरूरी है इसलिए अनुप्रास अलंकार को उदाहरण सहित परिभाषित करना भी आवश्यक है।

अनुप्रास अलंकार: परिभाषा, भेद/प्रकार, उदाहरण

अनुप्रास अलंकार

जिस रचना में व्यंजनों की बार बार आवृत्ति के कारण चमत्कार उत्पन्न हो ,वहां अनुप्रास अलंकार होता है।अथवा जहां पर काव्य में किसी वर्ण की आवृत्ति बार बार होती है है वहां पर अनुप्रास अलंकार होता है।

अनुप्रास अलंकार के उदाहरण: अनुप्रास अलंकार उदाहरण सहित

अनुप्रास अलंकार का उदाहरण 1

रघुपति राघव राजा राम ।

पतित पावन सीता राम ।।

उपर्युक्त उदाहरण में ‘ र’ वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक पर हुई है अतः यहां पर अनुप्रास अलंकार होगा।

अनुप्रास अलंकार का उदाहरण 2

कुल कानन कुंडल मोर पखा ,
उर पे बनमाल बिराजति है।

उपर्युक्त उदाहरण में ‘ क’ वर्ण की आवृत्ति तथा ‘ ब’ वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हुई है अतः यहां पर अनुप्रास अलंकार होगा।

अनुप्रास अलंकार का उदाहरण 3

जो खग हौं तो बसेरों करौ मिलि,
कालिंदी कूल कदंब की डारन।
उपर्युक्त उदाहरण में ‘ क’ वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हुई है अतः यहां पर अनुप्रास अलंकार होता है।

अनुप्रास अलंकार का उदाहरण 4

कंकन किंकन नूपुर धुनि सुनि
कहत लखन सन राम ह्रदय गुनि।

उपर्युक्त उदाहरण में ‘ क’और ‘ न ‘ वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हुई है अतः यह पर अनुप्रास अलंकार होगा।

अनुप्रास अलंकार के भेद

अनुप्रास अलंकार के 5 प्रकार होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं-

  1. छेकानुप्रास
  2. वृत्यानुप्रास
  3. लाटानुप्रास
  4. श्रुत्यानुप्रास
  5. अंत्यानुप्रास

छेकानुप्रास

जहां पर काव्य में एकाधिक वर्णो की आवृत्ति हो वहां पर छेकानुप्रास होता है।

उदाहरण-अमिय भूरिमय चूरन चारू
समन सकल भावरूज परिवारू

वृत्यानुप्रास

जहां पर एक या अनेक व्यंजनों की अनेक बार स्वरूपतः व क्रमतः आवृत्ति हो ,वहां वृत्यानुप्रास होता है।

उदाहरण-

कलावती केलीवती कालीदंजा ,
कंकन किंकन नूपुर धुनि सुनि,
कहत लखन सन राम ह्रदय गुनि।।

लाटानुप्रास

लटा अनुप्रास से तात्पर्य किसी शब्द तथा अर्थ की आवृत्ति होती है।

उदाहरण
पूत सपूत तो का धन संचय।
पूत कपूत तो का धन संचय।।

श्रुत्यानुप्रास‌

मुख के उच्चारण स्थान से संबंधित विशिष्ट वर्णों के साम्य को श्रुत्यानुप्रास कहते हैं।

उदाहरण-
पाप प्रहार प्रकट कई सोई।
भरी क्रोध जल जाए न कोई।।

अंत्यानुप्रास

जहां पर के अंत के एक ही वर्ण और एक ही स्वर की साम्यमूलक आवृत्ति हो अंत्यानुप्रास कहते है।

उदाहरण-

गुरु पद मृदु मंजुल अंजन।
नयन अमिय दृग दोष विभंजन ।।

यहां हमने अनुप्रास अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित पढ़ा। अनुप्रास अलंकार को उदाहरण सहित परिभाषित करना सीखा। अनुप्रास अलंकार के भेद या अनुप्रास अलंकार के प्रकार समझे। ऐसी ही जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट को सब्सक्राइब कर लें। आपको ईमेल के माध्यम से नई नई पोस्ट मिलती रहेंगी।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Leave a Comment