इलाहाबाद जिसे अब प्रयागराज के नाम से जानते है यहां पर विभिन्न प्रकार से पर्यटक स्थल हैं जिनकी अपनी अलग ही विशेषता हैं इसीलिए आप अगर इस साल इलाहाबाद में कुम्भ नहाने जा रहे है तो ये जगह भी घूमना मत भूले जो आगे साझा की गई हैं
हनुमान मंदिर
यह मंदिर संगम में इलाहाबाद किले के समीप स्थित हैं अगर आप संगम गए हैं तो इस मंदिर के दर्शन अवश्य करके आइए । क्योंकि यह अद्वितीय मंदिरों में से एक है इस मंदिर की प्रमुख विशेषता यह हैं कि इस मंदिर में हनुमान जी एक लेती हुई मुद्रा में विराजमान है और यह भी हैं की गंगा का पानी एक बार हनुमान जी के पैर को जरूर स्पर्श करता हैं इसीलिए दूर दूर से लोग इस मंदिर के दर्शन करने लिए आते इसीलिए आप अगर इस बार कुम्भ जाए तो इस मंदिर के दर्शन अवश्य करे ।
आनंद भवन
यह फैज़ाबाद रोड में बालसेन चौराहा के नजदीक स्थित हैं
और यह हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का पैतृक घर हैं सन 1970 में इंदिरा गांधी ने इसे भारत सरकार को दान कर दिया था तथा उनके एक आदेश के फलस्वरूप इसे एक सग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया हैं इसकी एक प्रमुख विशेषता हैं कि इसमें दिन में टिमटिमाते हुए तारे दिखाए जाते है ऐतिहासिक महत्व की बात की जाए तो विभिन्न प्रकार के निर्णय और घटनाएं यहां से सम्बंधित हैं ।
खुसरो बाग
यह प्रयागराज रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी में स्थित हैं । खुसरो सम्राट जहाँगीर के पुत्र थे । यहां और खुसरो तथा उनकी बहन और उनकी राजपूत माँ का मकबरा हैं यह 17 बीघे में स्थित हैं इस खुसरो बाग में अमरूद के बाग भी हैं जिनका निर्यात विदेशों में भी किया जाता हैं और वर्तमान समय मे पौधशाला हैं जिसमे प्रतिदिन की काफी बिक्री होती हैं यह चारो ओर से मोटी दीवारों से घिरा हुआ है तथा इसकी चारो ओर बड़े बड़े दरवाजे हैं यहां का प्राकृतिक वातावरण हमे बहुत सुखद अनुभव देता हैं ।
चंद्रशेखर आजाद पार्क
यह पार्क आपको सिविल लाइन्स के समीप ही मिलेगा । इस पार्क में महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद ने अपने प्राणों की आहुति दी थी इस पार्क को अल्फ्रेड पार्क और कंपनी गार्डन के नाम से भी जाना जाता हैं । इस पार्क में भी प्राकृतिक वातावरण बहुत अच्छा है तथा बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के झूले भी है शुरुवात में यह निशुल्क था पर अब इसमें 10 रुपया का शुल्क लगता हैं
आलोपी देवी मंदिर
यह मंदिर दारागंज की तरफ जाने पर मिलता हैं और यह मंदिर की अपनी अलग ही विशेषता हैं कि यहां पर न कोई प्रतिमा हैं यहां पर सिर्फ एक पालना हैं जो लाल वस्त्र से ढका हुआ है जिसकी ही लोग पूजा अर्चना करते हैं ऐसा माना जाता हैं कि माँ सती की कलाई यही पर आकर गिरी थी यहां पर एक प्रसिद्ध कुंड हैं जिसके जल से स्नान करने से समस्त दैहिक बीमारियां दूर हो जाती हैं इसका प्रवेश निःशुल्क हैं तथा यह सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता हैं ।
ऑल सैंट केथेड्रल चर्च
यह एम जी मार्ग और एस एन मार्ग के क्रासिंग के बीच मे स्थित हैं इसको डिज़ाइन सर विलियम इमर्शन ने सन 1871 में किया हैं यह वही हैं जो विक्टोरिया मेमोरियल कोलकता को भी डिज़ाइन किया हैं । इसका निर्माण मार्बल लाल पत्तर और टाइल्स से हुआ है ।
इलाहबाद म्यूसियम
इसकी स्थापना 1931 में मोती लाल नेहरू पार्क में हुई थी यह पुरातत्व विभाग से सम्बद्ध हैं जिसमे इलाहाबाद और कौसम्भी से प्राप्त विभिन्न प्रकार से पुरातात्विक चीजो को इसी म्यूजियम में रखा जाता हैं इसमें गुप्तकालीन मूर्ति कला के नमूने तथा पन्द्रहवी शताब्दी से लेकर आधुनिक शताब्दी तक के चित्रकला से संबंधित नमूने इसमें मिलते हैं ।
अशोक स्तंभ
अशोक स्तंभ अपने आप मे खास है यह बलुआ पत्तर से मिलकर बनास हैं जिसकी लंबाई 10 .6 मीटर हैं जिसमे कई शिलालेख भी लिखे है जिसे जहाँगीर ने फ़ारसी भाषा मे लिखाया था ।
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