वंशानुक्रम का अर्थ और परिभाषा बताने से पहले आज मैं कुछ बताता हूँ। मैं जब बीटीसी (वर्तमान नाम डीएलएड) कर रहा था तो ये सभी टॉपिक मुझे भी परेशान करते थे। बाल मनोविज्ञान जब नई-नई हमे मिलती है तो उसके टॉपिक देखकर ही हम डर जाते हैं।
मैंने गूगल किया, विभिन्न प्रकार की गाइड देखा और यूट्यूब वीडियो भी। मुझे यूट्यूब से एक टॉपिक देखने मे आधा से एक घण्टा लगता था। जबकि वही टॉपिक गूगल से 5 से 10 मिनट में आ जाता था। फिर मुझे समझ आया मैं अकेला तो होऊंगा नही। और फिर आपके लिए ये टॉपिक इस ब्लॉग का हिस्सा बनना शुरू हुए। आज के इस आर्टिकल में हम वंशानुक्रम का अर्थ और उसकी परिभाषा पढ़ेंगे।
वंशानुक्रम का अर्थ एवं वंशानुक्रम की परिभाषा || Vanshanukram Ka Arth, Vanshanukram ki Paribhasha
सबसे पहले बढ़ते हैं वंशानुक्रम के अर्थ की ओर।
वंशानुक्रम का अर्थ || Vanshanukram ka arth
वंशानुक्रम का अर्थ है वंश का अनुक्रम…इसको ऐसे समझते हैं कि बालक को न केवल अपने माता-पिता से वरन उसके पहले के पूर्वजों से भी अनेक शारीरिक और मानसिक गुण प्राप्त होते हैं, इसी को वंशानुक्रम या अनुवांशिकता कहते हैं।
वंशानुक्रम की इकाई क्या है? तो बता दें वंशानुक्रम की इकाई पित्रैक या जीन्स होते हैं।
वंशानुक्रम की परिभाषा|| Vanshanukram Ki Paribhasha
वंशानुक्रम का अर्थ और अधिक स्पष्ट करने के लिए विभिन्न मनोवैज्ञानिकों व जैव वैज्ञानिकों ने कुछ परिभाषाएं दी हैं। जिन्हें समझ लेना जरूरी है।
विभिन्न शिक्षाशास्त्रियों के अनुसार वंशानुक्रम की परिभाषा
रूथ बेनेडिक्ट के अनुसार वंशानुक्रम की परिभाषा
“माता-पिता से संतान में हस्तांतरित होने वाले लक्षणों को वंशानुक्रम कहते हैं।”बी•एन•झा• के शब्दों में
“वंशानुक्रम, व्यक्ति की जन्मजात विशेषताओं का पूर्ण योग है।”जेम्स ड्रेवर के अनुसार वंशानुक्रम की परिभाषा
“माता-पिता की शारीरिक एवं मानसिक विशेषताओं का सन्तानों में हस्तांतरण होना वंशानुक्रम है।”सोरेनसन के अनुसार
“पित्रैक ज सम्मिलन के परिणाम को ही हम वंशानुक्रम कहते हैं।”एच•ए• पीटरसन के शब्दों में वंशानुक्रम की परिभाषा
“व्यक्ति को अपने माता पिता से पूर्वजों की विशेषताएं प्राप्त होती हैं उसे वंशानुक्रम कहते हैं।”तो दोस्तों यह था वंशानुक्रम का अर्थ एवं परिभाषा। आपको नही पता तो बता दें कि वंशानुक्रम को ही अनुवांशिकता भी कहते हैं।